आलू में अंकुर निकल रहे हैं क्या उन्हें खाने से कोई बीमारी होगी?
जानें, क्या अंकुरित आलू खाने से सेहत को नुकसान पहुंच सकता है!
कई बार आलू बहुत दिनों तक घर में रखा रहे तो उसमें अंकुर निकल आते हैं। इन अंकुरित आलूओं को खाने के बारे में बहुत-सी बातें भी होती हैं। जहां कुछ लोगों का मानना है कि इन्हें खाने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं तो वहीं कुछ महिलाएं आलू को अंकुर हटाकर उनसे भोजन तैयार करती हैं। चलिए जानते हैं डायटीशन एंड न्यूट्रिनिश्ट डॉक्टर स्वाति दवे से कि अंकुरित आलू खाने चाहिए या नहीं
अंकुरित आलू खाना स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। अंकुरित होने का मतलब ये है कि सब्जी एक रसायनिक प्रतिक्रिया से गुजर रही है। ऐसे में ऐसी सब्ज़ी के सेवन से स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। आलू के गड्ढों वाले हिस्सों से अंकुर निकलना शुरु होता है। अंकुरित होने पर आलू में पाये जाने वाला कार्बोहाड्रेट स्टार्च’ (starch) शुगर में बदलने लगते है, जिस वजह से आलू काफी नरम हो जाता है। ये प्रक्रिया सोलानिन और अलफा-कैकोनिन नामक दो एल्कलॉइड के उत्पादन का कारण बनती है। सैलोनिन को विषाक्त माना जाता है। इसलिए हल्के हरे रंग के आलू भी नहीं खाने चाहिए। आलू बनाने से पहले हरे रंग के हिस्से को काटकर अलग कर देना चाहिए। हरे रंग का आलू खाने से फूड पॉइजनिंग की समस्या भी हो सकती है। अगर पैदावार के समय से आलू अंकुरित है, तो अंकुर हटाकर उसे खाया जा सकता है। अध्ययन के अनुसार, इस दौरान सब्ज़ी में अधिकांश पोषक तत्व होते हैं। लेकिन अगर आलू काफी दिनों से रखा हुआ है और वो सिकुड़ गया है या उसमें झुर्रियां पड़ गई हैं, तो उसे फेंकना ही बेहतर उपाय है।
आलू को स्टोर करने का सही तरीका
आलू को कभी फ्रिज में नहीं रखना चाहिए। इससे स्टार्च शुगर में बदल सकते हैं और आलू मीठा हो सकता
आलू में 78 फीसदी पानी होता है, जिस कारण आमतौर पर ये 5 से 7 महीने तक सही रहता है। हालांकि उसका भंडारण ठंडे, डार्क और हवादार स्थान पर किया जाना चाहिए।
नमी वाले स्थानों, उमस भरे वातावरण और हवा नहीं पहुंचने वाले स्थानों पर आलू के भंडारण से उसमें अंकुर पैदा हो सकते हैं।
आलू को प्लास्टिक बैग में ना रखकर पेपर बैग या ओपन वेजिटेबल बास्केट में रखने चाहिए।है।
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