में आज आपको भानगढ़ के बारे में बता
ऊंगा। भानगढ़, राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का के एक छोर पर है। यह एक किला है जो 'भूतिहा किला' के नाम से जाना जाता है। हम बात उस समय की कर रहे जब आमेर के राजा भगवंत दास थे उसने सन 1583 में इसको बनवाया था। भगवंत दास के छोटे बेटे मुगल शाहंशाह अकबर के नवरत्न में शामिल हैं मानसिंह के भाई माधो सिंह ने बाद में रिहाईस बना लिया। माधो सिंह के तीन तीन— (१) सुजान सिंह (२) छत्र सिंह (३) तेज सिंह। माधो सिंह के बाद छत्र सिंह भानगढ़ का राज्यपाल था। छत्र सिंह के अजब सिंह थे। यह भी अलौकिक मनोभाव था। अजब सिंह ने अपने नाम पर अबगढ़ बसाया था। अजब सिंह के अब्बा सिंह और अजब भी... अजब सिंह के बेटा हरी सिंह भानगढ़ में में सन 1822 भानगढ़ रहे। माधो सिंह के दो वंशज (हरे सिंह के वंशज) औरंगजेब के समय में मुस्लिम हो गए थे उन्हें भानगढ़ दे दिया गया। जब औरंगजेब की सकती काम हुई तो महाराजा सवाई जयसिंह ने अपना अधिकार कर लिया था।
भानगढ़ के किले की स्थानीय कहावत भी प्रचलित है की भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती अपूर्व सुन्दरी थी जिसके स्वयंवर की तैयारी चल रही थी। उसी राज्य में एक तांत्रिक सिंघिया नाम का रहता था जो राजकुमारी को पाना चाहता था परन्तु यह सम्भव नहीं था। इसलिए तांत्रिक सिंघिया ने राजकुमारी की दासी जो राजकुमारी के श्रृंगार के लिए तेल लाने बाजार आयी थी उस तेल को जादू से सम्मोहित करने वाला बना दिया। राजकुमारी रत्नावती के हाथ से वह तेल एक चट्टान पर गिरा तो वह चट्टान तांत्रिक सिंघिया की तरफ लुढ़कती हुई आने लगी और उसके ऊपर गिरकर उसे मार दिया। तांत्रिक सिंघिया मरते समय उस नगरी व राजकुमारी को नाश होने का श्राप दे दिया जिससे यह नगर ध्वस्त हो गया।
भानगढ़ का किला चारदीवारी से घिरा है जिसके अन्दर प्रवेश करते ही दायीं ओर कुछ हवेलियों के अवशेष दिखाई देते हैं। सामने बाजार है जिसमें सड़क के दोनों तरफ कतार में बनायी गयी दो मंजिली दुकानों के खण्डहर हैं। किले के आखिरी छोर पर दोहरे अहाते से घिरा तीन मंजिला महल है जिसकी ऊपरी मंजिल लगभग पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। इसमें एक शिवजी की प्रतिमा या यू कहे की एक शिव लिंग भी हैं । भानगढ़ का किला चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ है चारों ओर पहाड़िया है वर्षा ऋतु में यहां की रौनक देखने लायक होती है ऐसा लगता हे मानो आसमान ही पहाड़ों पर आ टिका यहां पर चारों तरफ पहाड़ियों पर हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है यहा पर एक करना भी है जो मंदिर के पास निकलता है वहा एक कुंड बना रखा है वहा के लोकल नौजवान उस कुंड में स्नान का आनंद लेते है वर्षा ऋतु में यह दृश्य बहुत ही सुंदर हो जाता है भानगढ़ को दुनिया के सबसे डरावनी जगहों में से माना जाता है ऐसा माना जाता है कि यहां पर आज भी भूत रहते हैं आज भी यहां सूर्य उदय होने से पहले और सूर्य अस्त होने के बाद किसी को रुकने की इजाजत नहीं है भानगढ़ किले से थोड़ा पहले एक हनुमान जी का मंदिर है वहा से सूर्य अस्त होने के बाद किसी को अंदर नहीं आने दिया जाता।
भानगढ़ अलवर रेलवे स्टेशन से 85 से 90 किलोमीटर पड़ता है भानगढ़ से अजब गढ़ तकरीबन 25 किलोमीटर है ये सभी सरिस्का अभ्यारण में आते हैं tourist यहा par बारिश के दिनों में प्रकृति का आनंद ले सकते है भानगढ़ से करीब 17 किलोमीटर आगे एक पारासर ऋषि का स्थान है वहा पर एक वाटर फॉल (Waterfall) भी है ये बारिश के दिनों में चालू रहता है जिसमे बड़ा आनंद आता है ये भी सरिस्का में ही है पारासर का स्थल सरिस्का के अंदर है जो भारत सरकार ने टाइगर रिजर्व के तौर पर घोषित कर रखा है सरिस्का में बीच बीच में छोटे छोटे गांव भी है लोग रहते है। पर सरिस्का में हिंसक जानवर ही रहते है जो व्यक्ति यहाँ घूमने आए वो लोग ध्यान से (careful) रहे ।
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धन्यवाद।
Very good effort kuch photos bhi dal deta to sahi rahta
जवाब देंहटाएंThanks for the advice .
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