दीपावली कब-क्यों मनाई जाती है - यह त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। अमावस्या की अंधेरी रात जगमग असंख्य दीपों से जगमगाने लगती है। कहते हैं भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, इस खुशी में अयोध्यावासियों ने दीये जलाकर उनका स्वागत किया था।
इस वर्ष दीपावली 04/11/2021 को गुरुवार के दिन है ।
दीपोत्सव मनाने की तैयारियां - यह त्योहार लगभग सभी धर्म के लोग मनाते हैं। इस त्योहार के आने के कई दिन पहले से ही घरों में साफ - सफाई का काम , लिपाई-पुताई, रंगोली बनाने व सजावट का कार्य प्रारंभ हो जाता है। और नए कपड़े बनवाए जाते हैं, मिठाइयां बनाई जाती हैं। और वर्षा के बाद की गंदगी भव्य आकर्षण, सफाई और स्वच्छता में बदल जाती है। लक्ष्मी जी के आगमन में चमक-दमक की जाती है।
उत्सव - यह त्योहार पांच दिनों तक मनाया जाता है।
धनतेरस से भाई दूज तक यह त्योहार चलता है।
पहला दिन :- धनतेरस के दिन लोग सुबह से की खरीदारी करने में लग जाते है और उस दिन लोग कुछ न कुछ खरीद कर घर पर लाते है! धनतेरस के दिन ही व्यापारी अपने बहीखाते नए बनाते हैं।
दूसरे दिन :- दूसरे दिन नरक चौदस के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करना अच्छा माना जाता है। और इस दिन लोग दिन में नहीं सोते ! ऐसी कहावत है कि नरक चौदस को जो भी व्यक्ति दिन में सोता है उसके घर में दरिद्रता आती है ।
तीसरा दिन :- अमावस्या के दिन लक्ष्मीजी की पूजा से पूर्व गाय माता की पूजा की जाती है ! खीर-पूड़ी का प्रसाद चढ़ाया जाता है।उसके बाद लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है लक्ष्मी जी की पूजा के समय घर की सारी पूंजी cash money और गहने ज्वेलरी पूजा के स्थान पर रख देते है, लोगो की मान्यता है की ऐसा करने से लक्ष्मी जी खुश होती है। इस दिन सुबह से ही लोग नए कपड़े पहन कर एक दूसरे के घर मिठाई और दीपक लेके जाते हैं और एक दूसरे के सात खुशियां मनाते है उस लोग के द्वारा फुलझड़ी, पटाखे छोड़े जाते हैं। और असंख्य दीपों की रंग-बिरंगी रोशनियां मन को मोह लेती हैं। इस दौरान दुकानों, बाजारों और घरों की सजावट दर्शनीय रहती है।
चौथा दिन :- दीपावली के दूसरे दिन बात भगवान कृष्ण (की गोवर्धन की) पूजा की जाती है एक कहावत के अनुसार उस दिन ब्रज मे अत्याधिक बारिश होने से ब्रज के लोग परिसान हो गए और श्री कृष्ण से पास सहायता के किए गए ! तो भगवान श्री कृष्ण ने अपनी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था और उसके नीचे ब्रज के लोगो को महफूज रखा तभी से गोवर्धन की पूजा की जाति है !
पांचवा दिन :- इस त्योहार के दिन को हिंदू संस्कृति के लोग बहुत ही हर्षोलास से मनाते है ! ये त्योहार भी रक्षा बंधन की तरह ही भाई बहन का त्योहार है इस दिन बहन अपने भाई को अपने हाथों से खाना खिलाती है और भाई भी इस दिन अपने बहन के हाथ का बना खाना खाना है चाए उसको शाम तक भूखा रहना पड़े । और बहन भी अपने भाई को खाना खिलाने के बाद ही खाना खाती हैं।
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